हफ्ता जश्न ए आज़ादी वसी उल्ला क़ासमी
# हफ्ता_जश्न_ए_आज़ादी 09-08-2020 से 15-08-2020 वसीउल्ला क़ासमी ✍️ # आम तौर पर लोग यह जानते हैं कि जंगे आज़ादी की शुरुआत 1857 से हुी , यह सही नहीं है , हक़ीक़त यह है कि आज़ादी की जिद्दोजोह्द 1800 ई° से पहले ही शुरू हो में ही चुकी थी , चूंकि उस वक़्त अंग्रेजों ने मुल्कभर में अपने पावं नहीं पसारे थे बल्कि मुल्क के कुछ हिस्सों खास कर बंगाल के इलाक़ों में कब़्ज़ा किया था इस लिए कोशिश भी मुल्की सतह पर नहीं थी , चुनान्चे 1757 ई° में नवाब सिराजुद्दौला ने बंगाल में ईस्ट इंडिया कंपनी से जंग की थी और अपनों की साज़िश की जंग हार गए थे , अक्सर उमरा व रुअसा आपसी चपक़लश की वजह से ईस्ट इंडिया कंपनी से सुलह करने पर मजबूर हो गए थे , सिर्फ सुल्तान टीपू अकेले उन के मुक़ाबले में था यहां तक कि 1799 ई° में सुल्तान टीपू अंग्रेज़ों से मुक़ाबला करते हुए यह कह कर शहीद हो गए कि "शेर की ज़िंदगी का एक लम्हा गीदड़ की सौ साला ज़िंदगी से बेहतर है"! # अंग्रेज़ के एक फौजी कमांडर ने उन की लाश पर देख कर कहा "आज से हिंदुस्तान हमारा है" फिर धीरे-धीरे अंग्रेज़ी फौज दिल्ली की तरफ बढ़ने लगी और मुग्लिया