सय्यिद सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी रहमतुल्लाह का इतिहास। जुनेद अहमद नूर
सय्यिद सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी रहमतुल्लाह का इतिहास। जुनेद अहमद नूर बहराइच शहर ख़ित्ता-ए-अवध का क़दीम इ’लाक़ा है।बहराइच को सय्यिद सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी और उनके जाँ-निसार साथियों की जा-ए-शहादत होने का शरफ़ हासिल है,जिसकी बरकत से पूरे हिंदुस्तान में बहराइच अपना अलग मक़ाम रखता है।अ’ब्बास ख़ाँ शेरवानी ने ब-हवाला ”मिर्आत-ए-मस्ऊ’दी” लिखा है कि सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी (रहि.) की पैदाइश 21 रजब या शा’बान 405 हिज्री मुताबिक़ 15 फ़रवरी 1015 ई’स्वी को अजमेर में हुई थी।(हयात-ए-मस्ऊ’दी,मत्बूआ’1935 ई’स्वी सफ़हा 50) आपके वालिद का नाम सय्यिद सालार साहू और वालिदा का नाम बी-बी सत्र मुअ’ल्ला(बहन सुल्तान महमूद ग़ज़नवी) था।आप अ’लवी सय्यिद हैं।मुसन्निफ़-ए-‘‘आईना-ए-मस्ऊ’दी’’ ने आपका नसब-नामा इस तरह लिखा है:”सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी बिन शाह साहू ग़ाज़ी बिन शाह अ’ताउल्लाह ग़ाज़ी बिन शाह ताहिर ग़ाज़ी बिन शाह तय्यिब ग़ाज़ी बिन शाह मोहम्मद ग़ाज़ी बिन शाह उ’मर ग़ाज़ी बिन शाह मलिक आसिफ़ ग़ाज़ी बिन शाह बत्ल ग़ाज़ी बिन शाह अ’ब्दुल मन्नान ग़ाज़ी बिन शाह मोहम्मद हनीफा ग़ाज़ी (मोहम्मद इब्न-ए-हनफ़िया)बिन असदुल्लाह अल-ग़ालिब ...